में खुश था


में खुश था






में खुश था तुम्हारे जुल्फों के साये में,
उन बेज़ुबान लम्हों में जब तुम्हारी मासूम आखें सबकुछ बया कर दिया करती थी।

 में खुश था तुम्हारी उन हसीन मुस्कुराहटों में,
तुम्हारे चेहेरे के उस नूर में जो हम चाहकर भी भुला न पाए
क्यूकी वो चांद हमेशा तुम्हारी याद दिला जाए।


में खुश था तुम्हारी हमदर्द बाहों में उन सर्द रातों में,
तुम्हारी उन प्यार भरी बेबाक बातों में जो तुम सिर्फ हमसे किया करती थी।


में खुश था जब मेरा हाथ तुम्हारे हाथों में था और तुम्हारा सीर मेरे कान्धो पर ,
तुम्हारी साँसों के उस खुशबू में जो हम चाहकर भी भुला न पाए
क्यूकी ये गुलाब हमेशा तुम्हारी याद दिला जाए।


में खुश था तुम्हारी उलफत के राहों में,
तुम्हारी उस बेपनाह सी चाह में जो तू सिर्फ हमसे करती थी।


खेर वक़्त तो काफी गुज़र चुका है,
हमारे अंदर का प्यार भी अब खतम हो चुका है,
तुम्हारे चले जाने का गम हम चाहकर भी भुला ना पाए
क्यूकी कंभकत ये खुशी हुमेशा तुम्हारी याद दिला जाए।


में खुश था तुम्हारे जुल्फों के साये में।

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